मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया National Science Day


राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया National Science Day 

अलाहर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया 
 स्पेक्ट्रोस्कोपी से ‘रमन प्रभाव’ की खोज  
विज्ञान से होने वाले लाभों के प्रति समाज में जागरूकता लाने और वैज्ञानिक सोच पैदा करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तत्वावधान में हर साल २८ फरवरी को देश भर में  राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है इसलिए आज  २८ फरवरी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विधालय अलाहर में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया, इस  अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया और एक विज्ञान परियोजना प्रदर्शनी लगाई गयी।
छात्रों ने इस बार की राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की मुख्य थीम ‘स्वच्छ ऊर्जा के विकल्प और परमाणु सुरक्षा’ पर केंद्रित परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत की । इस अवसर पर छात्रों ने विभिन्न विज्ञान विषयों पर अपनी अपनी परियोजना प्रदर्शनी भी लगाई ।
छात्रों ने ऊर्जा के परम्परागत और गैरपरम्परागत साधनों पर चर्चा की और सोलर उर्जा, पवन उर्जा, ज्वारीय उर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों पर विचार प्रस्तुत किये। 
विज्ञान अध्यापक श्री दर्शन लाल ने बताया कि हर साल भारत में २८ फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है इस दिन प्रख्यात भौतिकिशाष्त्री सर सी.वी.रमन ने १९२८ में स्पेक्ट्रोस्कोपी से ‘रमन प्रभाव’ की खोज की। 
मशहूर भारतीय वैज्ञानिक चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा खोजे गए रमन प्रभाव की मदद से कणों की आणविक और परमाणविक संरचना का पता लगाया जा सकता है और इसीलिए भौतिक और रासायनिक दोनों ही क्षेत्रों में यह अत्यंत महत्वपूर्ण है
दररअसल रमन प्रभाव की खोज ने आइन्सटाइन के उस सिद्धांत को भी प्रमाणित कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रकाश में तरंग के साथ ही अणुओं के गुण भी कुछ हद तक पाए जाते  है। 
इससे पहले न्यूटन ने बताया था कि प्रकाश सिर्फ एक तरंग है और उसमें अणुओं के गुण नहीं पाए जाते. आइन्सटाइन ने इससे विपरीत सिद्धांत दिया और रमन प्रभाव से वह साबित हुआ ।  

 परियोजना रिपोर्ट करती छात्राएं 
इस खोज के दो साल के बाद सर सी.वी रमन को १९३० में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 
इसलिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस, भारतीय विज्ञान और वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक महान दिन है।
विज्ञान दिवस के अवसर पर स्कूल के बच्चो को विभिन्न विज्ञान प्रयोग करके दिखाए और बच्चो ने भी अपने द्वारा तैयार ‘बेस्ट आउट आफ वेस्ट’ प्रयोग दिखा कर विज्ञान दिवस मनाने में अपना योगदान दिया।    
श्री संजय शर्मा प्रवक्ता ने नाभकीय सयंत्रों की सुरक्षा और उनसे सुरक्षित उर्जा प्राप्ती पर अपने विचार रखे ।
इस अवसर पर दिव्या,सोनम,शिल्पा,प्रियंका,मोहित,अजय,जोनी,रजत,नेहा,दीक्षा ने भी विज्ञान के विभिन्न उपविषयों पर अपने परियोजना पेपर पढ़े ।
मुकेश रोहिल,मनोहरलाल,दर्शन लाल, राम नाथ बंसल,संदीप अध्यापकों का योगदान सराहनीय रहा ।

प्रस्तुति: ईमली इको क्लब रा.व.मा.वि.अलाहर जिला,यमुना नगर हरियाणा  
द्वारा: दर्शन लाल बवेजा(विज्ञान अध्यापक) 

सोमवार, 6 फ़रवरी 2012

विश्व नमभूमि दिवस पर नमभूमि का भ्रमण World Wetland Day

विश्व नमभूमि दिवस पर नमभूमि का भ्रमण 
World Wetland Day
 02 फरवरी 2012
 नमभूमि के शैक्षणिक भ्रमण की टीम के क्लब सदस्य  
आज विश्व नमभूमि दिवस पर क्लब सदस्यों ने नजदीकी  नमभूमि  का भ्रमण करके नम भूमि के बारे में जाना और नम भूमि की वनस्पति और  नमभूमि-जीवन के बारे में भी जाना । 
क्लब सदस्य नजदीक के क्षेत्र मे गए जहां नमभूमि थी वहाँ पर सदस्यों ने नमभूमि सम्बन्धित बहुत सी गतिविधियां की । 
नम भूमि के जीवन का अध्ययन
समूहों मे बंट कर सदस्यों ने सबसे पहले नम भूमि के जल की पी.एच.ज्ञात की फिर सदस्यों ने सब ने नम भूमि की और आसपास की वनस्पति का अध्ययन किया ।  
नम भूमि के जीवन का अध्ययन किया और पाया कि यह कम गहरे पानी वाला स्थान बहुत से जीवों का आश्रय होता है छोटे छोटे जलस्थल चर जीव जलीय वनस्पति और अपना जीवन यापन करते है । 
सदस्यों ने नम भूमि की खाद्य श्रृंखला को भी जाना त्री स्तरीय और चार स्तरों वाली  खाद्य श्रृंखला को नोट किया । 
दुसरी गतिविधि मे सदस्यों ने नम भूमि के पक्षियों को देखा और उन की गतिविधियों को नोट किया और पाया कि ये पक्षी नम भूमि के कीटों को अपना भोजन बना रहे थे । 
ये पक्षी स्थानीय नहीं होते हैं इए सब प्रवासी पक्षी हैं जो मीलों उड़ कर अधिक सर्द स्थानों से यहाँ आते हैं और जीवन की आवश्यक क्रियाएँ सम्पन्न कर के मौसम बदलने पर वापस अपने मूल स्थान पर चले जाते है । 
मोर के पदचिन्ह 
तीसरी गतिविधि मे विभिन्न पक्षियों के पदचिन्ह खोजने की प्रतियोगिता की गयी क्यूंकि नम भूमि मे पदचिन्ह बड़ी ही स्पष्टता से छपते हैं सदस्यों ने समूह बना कर मोर,बगुला,जलमुर्गी,नीलगाय,कुत्ता और गीदड़ आदि जीवों के पदचिन्ह देखे और उनके रेखाचित्र बनाए ।  
क्लब सदस्यों ने एक पक्षी के पदचिन्हों का पीछा करते हुए यह जाना कि वह पक्षी इस नमभूमि के एक गड्डे मे एकत्र  पानी को पीने रात्री को आया था । 
अंतिम गतिविधि मे क्लब सदस्यों को नमभूमि के आसपास की वनस्पति और खेती और पौधों की किस्मों से अवगत करवाया गया ।  
सभी छात्रों का यह अनुभव बहुत ही ज्ञानवर्धक रहा ।  
क्लब प्रभारी विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने बताया कि उनके द्वारा क्लब सदस्यों को समय समय पर इस प्रकार के सूक्ष्म शैक्षणिक भ्रमण करवाए जाते हैं ताकि छात्रों की पर्यावरण संरक्षण मे रूचि उत्पन्न हो और वो पर्यावरण संरक्षण मे अपना योगदान दे सकें । 
इस नमभूमि भ्रमण मे कपिल,विशु,मोहित,जोनी,राजेश,अमन,सलमान,अरुण,शुभम,रजत,रोहित,शनि,लवली विशेष ग्रेड अर्जित किये   
संजय शर्मा,मुकेश रोहिल,दर्शन लाल,सुनील कुमार,संजीव कुमार,संदीप कुमार का भी सहयोग इस भ्रमण समूह  को सम्बोधित किया ।
अमर उजाला अखबार मे छपी खबर  

प्रस्तुति: ईमली इको क्लब रा.व.मा.वि.अलाहर जिला,यमुना नगर हरियाणा  
द्वारा: दर्शन लाल बवेजा(विज्ञान अध्यापक)