क्लब के प्रकाशित लेख

क्लब लेख  :- 1
मेरे शहर का दुःख या सारे देश का .....
बढती आबादी के मद्देनजर शहरों में ठोस कचरा बढा है परन्तु मेरे शहर के सफाई कर्मचारिओं ने एक अजीब पर्यावरण नाशी तरीका ढूंढा है  वो ठोस कचरा एकत्र करते है और उसे वहीं पर ही जला देते है |
ईको  क्लब सदस्य मेरे मार्गदर्शन में इस वर्ष की विज्ञान प्रतियोगिता के लिए यह परियोजना कर रहे है |
परियोजना शीर्षक:-शहर के दो वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में सार्वजनिक सफाईव्यवस्था का अध्यन |
शहर के दो वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में सफाई कर्मचारिओं के कार्यकलापों को देखने पर पाया गया के वो कचरा एकत्र करते है और उस में आग लगा देते है उस कचरे में आधिक मात्रा में पोलीथीन होती है लोगो को पता नहीं है वो पोलीथीन के निपटान का साधन उस में आग लगा देना मानते है| वो नहीं जानते कि पोलीथीन को यदि उच्च ताप पर बंद भट्टी में जलाया जाये तो बनने वाली सारी  गैसे भी जल जाती है और सिर्फ co2 गैस  बनती है परन्तु यदि इन सफाई कर्मचारिओं की तरह वातावरण में सुलगा कर छोड़ दिया जाए तो ये दिन भर सुलग सुलग कर बदबूदार धुआं छोड़ती रहेगी | मेरे शहर में दिन भर अजीब सी बदबू फैली रहती है 

 


अब स्पष्ट होता है इस  परियोजना  पर काम करते हुए काफी दिक्कते आयेंगी क्यूंकि जब हम ने एक सफाई कर्मचारी से पूछा तो उस  ने बताया कि सब उपर से आदेश आते है कि कूड़ा जलाये कि हमारे पास साधन नहीं है  चलो इस परियोजना में काम करते हुवे कोई न कोई पंगा जरूर होने वाला, तो हम भी  तैयार है!


क्लब लेख  :- 2
उन्होंने तो पशु खाया आप ने क्या किया ??
आज  एक  सच बात आप सब  से सांझी की जाए |
मेरा  शहर उत्तरप्रदेश सीमा से लगता है 
यहाँ से पशुओं को ले जाया जाता है अर्थार्त पशु तस्करी का बोर्डर ,
मेरे  सीमावर्ती जिले में में एक बहुत बड़ा बूचड़खाना और अनेक छोटे - छोटे भी है वहाँ रोजाना हजारों पशु कटते है |  
जिनमे गाय,भैंस,कटड़ा ,बछड़ा ,बैल होते है |
कुछ मीट लोकल बिक  जाता है और बहुत बड़ी मात्रा में पैक/फ्रीज़ कर के अन्य शहरों राज्यों में भेजा जाता है | 
हड्डियां फैक्ट्री में जंतु चारकोल(दवा उद्योग में प्रयुक्त)
चमड़ा आगरा को
चर्बी उद्योगों में घरेलू उत्पादों में 
खून नालो से होता हुआ नदी/नहर  में 
बदबू हवाओं में होती हुई सांसो ने ली    
नाके पर से ये पशु निम्न तरीको से बोर्डर पार होते है|
१. ट्रको,कैंटरो,ट्रालो से 
२.सीमावरती गावों से झुंडो में 
३ .यमुना नदी के रास्ते कच्चे से 
पहले नम्बर वाला तरीका जयादा प्रचलित है 
दूसरा व तीसरा तरीका तब प्रयोग होता है जब माल पास से ही ख़रीदा गया हो या रोजाना वाले  छोटे व्यपारी (तस्कर)
अब  दूसरा पहलु :-
लोकल शहर में कई दल है जो दबाव गुटों की तरह सक्रिय रह कर इन पशुओं को छुडवाते है
और
नाम ,पुण्य कमाते है अख़बारों में नाम फोटो (मुक्त पशुओं व तस्करों के साथ) आती है | 
तस्कर अगले दिन कोर्ट में (कुल में से नाम नात्र ही )
पुण्य  आत्माए अपने अपने घरों को 
नाके पर सुरक्षाकर्मी अपने काम पर 
ट्रक थाने में(बतौर पार्किंग)
और पशु 
देखे जरा यहाँ 
 मजबूर है कूड़ेदानो में मुँह मारने 
को ,पोलीथीन निगल कर पेट दर्द से तड़प-तड़प  कर मरने को |
हजारों की संख्या में पशु खेतों में फसलों को खाते हुए खदेड़ कर फिर से  बार्डर पार या फिर मार दिए जाते है कीटनाशक दे कर |
पशु  भी घर घर जा कर भीख मांगने को मजबूर है 
ट्रेनों के नीचे आने को 
सड़कों पर मरने को 
दुत्कार खाने को 
छोटे तस्करों के हाथो पैदल फिर वहीँ पहुचने को मजबूर है 
कहने को तो गोशालाएं  भी है पर वहाँ भी दुधारू पशुओं की ही जरूरत है मुफ्त में चारा खोरो की नहीं  |
अब बताओ इन के लिए क्या बदला 
अगर ये दूध देते तो पंजाब ,हरियाणा ,हिमाचल के पशुपालक इन को क्यूँ बेचते इनको मात्र २००-३०० रूपयों में 
और एक दर्दनाक बात :-
तस्कर इन का वजन बढ़ाने के लिए इनको पानी में कापर सल्फेट घोल के पिलाते है जो किडनी (गुर्दों) की कार्यप्रणाली को बाधित करती है जिस कारण शरीर में पानी की मात्रा बढ़ जाती है  जिस से वजन बढ़ जाता है कंयुकी वहाँ तो इन्होने तोल कर के ही बिकना है
कुछ  तो ट्रकों में ही मर जाते है 
लाशें भी काट कर बेच दी जाती है 
अंत में 
रोजगार  भी चल रहा है,भूख भी मिट रही है ,पुण्य भी कमा रहे है| 



क्लब लेख  :- 3

अपना दामन आप जलाएँ, क्या कोई लाचारी है?

इंसान अपने आप को इस धरती का सबसे समझदार प्राणी मानता है। बावजूद इसके वह ऐसी-ऐसी हरकतें करता है कि उसकी अक्ल पर कभी-कभी तरस आने लगता है। आपने भी अपने जीवन में ऐसी तमाम घटनाएं देखी होंगी और टाल गये होंगे। लेकिन जब मामला धरती माँ का हो, तो चिन्तित होना स्वाभाविक है। ऐसी ही एक गम्भीर चिन्ता से अवगत करा रहे हैं दर्शन बवेजा जी।

अबके  भी खूब जले  कृषि अवशेष 
एक  कहावत या कुछ और बचपन से सुनते आये है कि हरियाणा  का कल्चर है तो वो है एग्रीकल्चर परन्तु इस नई जनरेशन के किसानो ने तजर्बे की कमी और जल्दी जल्दी अमीर बनने की खवाहिश के मद्देनजर शोर्ट कट अपनाने शुरू कर दिए है सरकार आदेश देती है ये नई जनरेशन के किसान उसे धता बताती है |

पिछले चार वर्षों से जिला प्रशाशन अखबार के व लोकल टीवी चैनलों के माध्यम से कृषि अवशेष न जलाने बारे आदेश प्रसारित करवाता है शुक्र है किसानो को ये तो पता लग गया कि कोई जीवाणु/कीड़े होते है वो खेतों में ही कृषि अवशेष जलाने से मर जाते है इसलिए खेतों में ही कृषि अवशेष नहीं जलाने चाहिए हाय री ज्ञान की परिकाष्ठा ! वो कृषि अवशेष खेतों से तो उठ गए और आ गए सड़कों के किनारे किनारे कई किलोमीटर तक गन्ने की पात्ती, गेंहू के पोरे, सूरज मुखी के टंडे, धान की पुराली, लहसुन के अवशेष, पापुलर के पत्ते आदि कृषि अवशेष जला दिए जाते है पर अपने खेतों में नहीं सडको के किनारे पर |एक दम सुरक्षित एवं सरल उपाय सुबह सवेरे फेंकों रात के अँधेरे में फूंको !! हा हा हा क्या अपनी ऐसी तेसी करवा लेगी ग्लोबल वार्मिंग |

जो-जो जवाब सुनने पड़े आप भी सुन लो
के  फर्क पढ़ रया से|
ईब  इनका आचार पावे क्या|
जो  ले जाएगा वो भी तो फूंकेगा ही इन्हे, तो क्यों न हम ही फूंक दे इन्हें|
मास्टर  ते अपना काम कर यार –बताओ क्या जागरूक करना मेरा काम नहीं आदि-आदि!


क्लब लेख  :-4
ग्रीन  टीचर पर प्रकाशित हुआ क्लब का गतिविधि का लेख 
ईमली इको क्लब रा.व.मा.वि. अलाहर, जिला यमुना नगर, हरियाणा
                           
विश्व नमभूमि दिवस पर तालाब का भ्रमण
आज विश्व नमभूमि दिवस पर क्लब सदस्यों ने नजदीकी तालाब का भ्रमण करके नम भूमि के बारे में जाना और नम भूमि की वनस्पति और जलीय जीवन के बारे में भी जाना| विद्यालय से कुछ ही दूरी पर इस तालाब को स्थानीय लोग गंगा सागर कह देते है  यह तालाब काफी बड़ा है और काफी पुराना है परन्तु आज इस की दशा सोचनीय बनी हुई है|
                       
क्लब लेख  :-4
ईमली ईको क्लब ने बनाया 'सोख्ता गडढा' 
Soakage pit for proper disposal of waste water
(राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, अलाहर जिला, यमुना नगर, हरियाणा के  सदस्यों द्वारा जनवरी 2010 गतिविधि की रिपोर्ट) 
हैंडपम्प, पानी पीने की जगह पर शुद्ध जल की एक बड़ी मात्रा बेकार जाती है जो की नाली में बह  जाती है या फिर वहीँ आस पास एकत्र हो कर कीचड बनाती है इन स्रोतों के पास जल एकत्र होता रहता है जो मच्छरों को खुला निमंत्रण देता है जिस कारण बीमारियाँ फैलती है
ईमली ईको क्लब सदस्यों ने विद्यालय में ये ही समस्या देखी और फैसला लिया के जल पीने के स्थान पर एक सोख्ता गड्ढा बनाया जाएगा|
आओ जाने सोख्ता गड्ढा  क्या होता है?
1mx1mx1m का एक गड्ढा जो की बेकार हुए शुद्ध जल को पुनः भूमि के भीतर पहुंचाने का कार्य करता है
इस को घरों में भी बनाया जा सकता है|
यह सोख्ता गड्ढा हैण्डपम्पो के पास बनाया जाए तो बहुत लाभ होता है |
बनाने की विधि:-निम्न बिंदुओं के अनुरूप कार्य कर के हम इसको बना सकते है|
1.सोख्ता गडढा वहीँ बनायें जहाँ पानी वेस्ट होता हो |
soakage_pit-1 soakage_pit-2 
आगे यहाँ देखें

चंडीगढ़ मे सम्पन्न हुई नवाचारी भौतिकी प्रयोग कार्यशाला Workshop On Innovative Physics Experiments

विज्ञान प्रसार,डी.एस.टी. नई दिल्ली एवं पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी परिषद के संयुक्त तत्वाधान मे तीन दिवसीय नवाचारी भौतिकी प्रयोग कार्यशाला संपन्न हुई |
नाइपर मोहाली मे संपन्न इस नवाचारी भौतिकी प्रयोग कार्यशाला मे पंजाब, हरियाणा, जम्मू एंड कश्मीर,चंडीगढ़ एवं उत्तरप्रदेश के भौतिकी प्राध्यापकों ,विज्ञान अध्यापको ,विज्ञान क्लब संचालकों ने भाग लिया |
प्रशिक्षणार्थियों को श्री मनमोहन सिंह एवं विज्ञान प्रसार के ही वैज्ञानिक श्री रिंटू नाथ ने प्रशिक्षित किया |


विज्ञान प्रसार के ही वैज्ञानिक श्री बी.के. त्यागी जी ने प्रशिक्षणार्थियों को स्कूलों, कालोनीयों, गावों मे विज्ञान क्लबों के गठन एवं महत्वों से अवगत करवाया |
पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी परिषद से श्रीमती नीलम शर्मा गुलाटी एवं डी.एस.टी. नई दिल्ली से श्री वी. बी. काम्बले ने विज्ञान प्रचार के महत्वपूर्ण मुद्दे पर व्याख्यान दिया | विज्ञान प्रसार के  वैज्ञानिक श्री रिंटू नाथ ने कम्प्यूटर, अंतर्जाल ,ब्लोगिंग एवं नई इलक्ट्रोनिक तकनीकी से विज्ञान प्रचार के महत्वपूर्ण मुद्दे पर व्याख्यान दिया |

प्रशिक्षणार्थियों को श्री मनमोहन सिंह ने नवाचारी प्रयोग कर के सिखाये और उन प्रयोगों का पूरा विवरण भी प्रतिभागीयों को दिया !

विधुत, चुम्बकत्व, गति, आघूर्ण, बल, गुरुत्व, आवेश, वायु दबाव, बरनौली, पास्कल, आर्कमिडिज, न्यूटन, प्रकाश का अपवर्तन, परावर्तन, विक्षेपण, विधुत मोटर, डायनमो, विधुत फ्ल्स्क, आवेश विसर्जन आदि सिद्धांतों नियमों को समाहित करते नवाचारी प्रयोग करवाए |
इस कार्यशाला मे विज्ञान प्रसार द्वारा नवाचारी भौतिकी के प्रयोगों पर एक किट एवं एक सी.डी .सभी प्रतिभागीयों  को दी गई |
विज्ञान प्रसार एवं पंजाब राज्य विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी परिषद के संयुक्त तत्वाधान डेवलप की गई एक अन्य   नवाचारी किट भी दी गई |

बाए, इस कार्यशाला मे कुछ वरिष्ट भौतिकी प्रवक्ताओं ने भी आपना योगदान दिया, इंडियन एशोसिएशन आफ  फिजिक्स टीचर्स के पदाधिकारियों ने भी शिरकत की, इस तरह की पांच कार्यशालाए अभी देश भर मे  और होनी है अंतिम दिन प्रतिभागीयों दर्शन लाल यमुना नगर, ओ.पी.गुप्ता जी इलाहाबाद ने भी अपने द्वारा डेवलप किये गए नवाचारी भौतिकी के प्रयोग करके दिखाए| सभी प्रशिक्षणार्थियों को कार्यशाला का प्रमाणपत्र दे कर सम्मानित किया गया और नवाचारी भौतिकी प्रयोग के रिसोर्स पर्सन्स का दर्ज़ा दिया गया |