बुधवार, 27 मई 2015

विज्ञान विषय में रूचि Interest in Science

कक्षा तत्परता कार्यक्रम के अंतर्गत विज्ञान गतिविधियाँ सीखी बच्चों ने
कक्षा तत्परता कार्यक्रम के दौरान विज्ञान विषय में रूचि उत्त्पन करने में जुटे अध्यापक
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर में शिक्षा विभाग द्वारा चलाये गए सी आर पी कार्यक्रम के दौरान विज्ञान में रूचि जगाने के लिए विभिन्न विज्ञान गतिविधियां चलाई जा रही हैं इन विज्ञान गतिविधियों का उदघाटन विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र धींगड़ा ने किया और बताया कि सारे साल स्लेबस पूरा कराने की उलझनों में फसे विज्ञान अध्यापक के पास अब एक बेहतरीन अवसर है कि वो सी आर पी कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विज्ञान गतिविधियां करवा कर बच्चो को विज्ञान शिक्षा के प्रति आकर्षित कर सकता है और साथ ही अपने हुनर का प्रदर्शन करके शिक्षा जगत में अपनी योग्यता भी सिद्ध कर सकता है।
इस विज्ञान संचार व जागरूकता कार्य की कमान उन्होंने विद्यालय के विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल को सौपी उन्होंने बालको को खेल खेल में विज्ञान, कम लागत से विज्ञान माडल, विज्ञान प्रश्नोत्तरी, विज्ञान पजल्स, प्रकृति भ्रमण आदि गतिविधियां करवा कर विज्ञान शिक्षण को और भी मजेदार बना दिया है। आजकल विद्यालय में विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने बच्चों को भौतिकी की समझ बढ़ाने के लिए विधुतचुम्बकत्वगतिआघूर्णबलगुरुत्वआवेशवायु
दबावबरनौली के सिद्धांतपास्कल के नियमआर्कमिडिज के सिद्धांतन्यूटन के नियमोंप्रकाश का अपवर्तनप्रकाश का परावर्तनप्रकाश का विक्षेपणविधुत मोटर व डायनमोविधुत फ्लस्कआवेश विसर्जनघर्षणचलचित्रपम्पध्वनि की उत्पत्ति एवं संचरण आदि पर आधारित विभिन्न नवाचारी कम लागत के उपकरणों से विभिन्न गतिविधियाँ करवा रहे हैं जिनको कि सी आर पी के अंतर्गत बच्चे खुद भी करके देख रहे हैं।

सी आर पी गतिविधियों में विज्ञान किटस् का भी बेहतर उपयोग हो रहा है  
दर्शन लाल ने यह भी बताया कि सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत शिक्षा विभाग द्वारा सभी विद्यालयों को दो दो विज्ञान प्रयोगिक किट्स भी उपलब्ध करवाई गयी हैं जिनमें सौ से भी अधिक विज्ञान गतिविधयां करवाए जाने की सामग्री दी गयी है और यह सामान विज्ञान पाठ्य पुस्तक में वर्णित सभी गतिविधियों को करवाए जा सकने में सक्षम हैं। इन विज्ञान किट्स का उपयोग सी आर पी के दौरान किया जा रहा है।
यह विज्ञान किट्स बहुत ही बेहतरीन और सम्पूर्ण है जिनके द्वारा बहुत से प्रयोग कम समय में व भारी उपकरणों  के बगैर ही करवाए जा सकते हैं।  आजकल भी समाज में विभिन्न अंधविश्वास व्याप्त है, अंधविश्वास एक वैश्विक समस्या बनी हुई है। कुछ शातिर लोग समाज में कार्यरत हैं जो कि यदाकदा अपना शिकार फांस कर उस परिवार का भविष्य बर्बाद कर देते हैं। सी आर पी के दौरान विज्ञान शिक्षक बच्चों को अंधविश्वास निवारण के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
दर्शन लाल बवेजा
 विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल अन्य विज्ञान अध्यापको के मार्गदर्शन के लिए हमेशा तत्पर रहते है और जिले व अन्य प्रान्तों के विज्ञान शिक्षक व विद्यार्थी इमेल, पत्राचार, दूरभाष व विज्ञान गतिविधियों पर आधारित उनके द्वारा संचालित वेबसाईट साइंसदर्शन डाट इन के माध्यम से उनसे जुड़े रहते हैं व अपने अनुभव आपस में सांझे करके विज्ञान संचार में योगदान करते हैं।   


अख़बारों में 


  

शनिवार, 9 मई 2015

प्रकृति को नजदीक से जाना Nature Watch

कक्षा तत्परता कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों ने प्रकृति को नजदीक से जाना
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर में शिक्षा विभाग द्वारा चलाये गए सी आर पी कार्यक्रम के दौरान कक्षा सात ने बच्चों के बीच एक प्रतियोगिता  करवाई गयी जिस में बच्चों ने टोलियों में बंटकर विभिन्न गतिविधियों के जरिये  प्रकृति को नजदीक से समझा। इस गतिविधि आधारित प्रतियोगिता में बच्चों को कहा गया कि
वो आसपास के पेड़ पोधों व अन्य वनस्पति को पास जाकर देखें व वहां जो भी उन को रुचिकर या आश्चर्यचकित करने वाला लगे उस को नोट करें। बालको ने टोलियों में ऐसा किया व फिर उनका अध्ययन करके विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल व अन्य टोलियों के साथ समूह चर्चा करके अपने इन अनुभवों को सांझा किया। बच्चों को इस गतिविधि आधारित प्रतियोगिता में बहुत आनन्द आया उन्होंने पौधों, जड़ों, लार्वा-कोकून, अमरबेल, रंगबिरंगे फूल, मधुमक्खी व अन्य कीटों के बारे में जाना और जानकारियाँ एकत्र की।
विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार धींगड़ा ने नित नयी नयी गतिविधियों के माध्यम से बालको में पढ़ाई के प्रति रूचि जागृत करने के लिए बच्चों व अध्यापको के प्रयासों की सराहना की। विद्यालय के अध्यापक दर्शन लाल, संजय गौतम, सुनील कुमार, पवन सचदेवा, रीना काम्बोज, भगवती शर्मा, पवन कुमार, रणजीत सिंह विद्यालय में बच्चों को विभिन्न गतिविधियां करवा कर शिक्षण-अधिगम को बहुत ही रुचिकर तरीके से करवा रहे हैं। इस गतिविधी में गौरव, वंशिका, भारती, दिव्या, सूर्या व नैन्सी की टीमो ने भाग लिया।

प्रस्तुती : दर्शन लाल बवेजा विज्ञान अध्यापक 

  

शुक्रवार, 1 मई 2015

विश्व धरा दिवस World Earth Day Celebrations

उत्साह से मनाया गया विश्व धरा दिवस और हुए विभिन्न कार्यक्रम
ईंट गारे से बना मकान तो बस हमारा आश्रय है परन्तु हमारा असली घर तो हमारी पृथ्वी ही है।

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर मे टेमारिंड इको क्लब द्वारा विश्व धरा दिवस धूमधाम से मनाया गया, जिसके जिसके अंतर्गत बहुत सी गतिविधियां करवाई गयी।  विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र धींगड़ा ने बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी दिवस की शुरुआत 22 अप्रैल 1970 (बाईस अप्रैल उन्नीस सौ सत्तर) से की गयी थी।  पर्यावरण से सम्बंधित जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित यह दिन विश्व भर में मनाया जाता है। पर्यावरण संकट की बढती चिंता राष्ट्रों को प्रभावित कर रही है और विश्वस्तर पर इस चिंता के निवारण के विभिन्न उपाय भी किये जा रहें हैं।
विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने कहा कि हमारे सौरमंडल में केवल पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन है और इस आबाद ग्रह पर सब से विकसित हम मनुष्य भी रहते हैं परन्तु मनुष्य ईंटों गारे से बनाए गए अपने मकान को अपना घर समझ बैठा है वास्तव में वो हमारा आश्रय तो हो सकता है परन्तु हमारा असली घर तो हमारी पृथ्वी ही है आज मनुष्य पृथ्वी का अंधाधुंध दोहन कर रहा है, यह दोहन पृथ्वी के गर्भ  खनिजों के खनन से लेकर उसके शरीर से  वृक्ष रुपी गहने उतारने तक जाता है। मनुष्य अपने क्रियाकलापों से उसकी साँसों में वायु प्रदूषण रूपी जहर घोल रहा है और जनसंख्या वृद्धि कर के उस की ममतामयी गोद में अनावश्यक बोझ बढ़ा रहा है।
राजनिती शास्त्र के प्रवक्ता रविन्द्र कुमार सैनी ने कहा कि वैसे तो हर दिन विश्व धरा दिवस होना चाहिए हम कोई एक दिन धरा को समर्पित कर के अपने दायित्वों का समापन नहीं कर सकते हमें बहुत उचित कदम उठा कर धरती के कष्टों का निवारण करना होगा इसी में समस्त मानवता की भलाई है। एस एस मास्टर सुनील कुमार ने  ने कहा कि हम अपनी जीवनशैली में थोड़ा सा ही बदलाव करके पृथ्वी पर जीवन को और बेहतर बना सकते है। पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक मनुष्य को कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए और पानी का सिमित उपयोग करना चाहिए और तीसरी बात हमें आवश्यकता पड़ने पर ही ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए। 
इन सब मुख्य बातों के अलावा पोलीथीन का कम से कम उपयोग, जल संरक्षण, फसलो पर कीटनाशकों का छिडकाव कम कर के कार्बनिक और जैविक विधि को अपनाना होगा नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब हम जीवनदायनी पृथ्वी को खो देंगे।
विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने बताया कि इस अवसर पर पेंटिंग प्रतियोगिता, नारा लेखन प्रतियोगिता आयोजित करवाई गयी और नाटक का मंचन भी किया। इस अवसर पर जसविंदर कौर, लवलीन, सुनीता, भगवती शर्मा, रीना, मीना, पवन, पवन सचदेवा, सुनील, परदीप, संदीप कुमार, धर्मेन्द्र, रणजीत, संजीव अध्यापको ने सहयोग किया। 
द्वारा दर्शन लाल बवेजा विज्ञान अध्यापक  
अखबारों में खबर की कतरने