मंगलवार, 24 मई 2011

अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2011 International biodiversity day 2011



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ibdaymay2011_13अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2011 International biodiversity day 2011
संयुक्त राष्ट्र ने 22 मई को जैव विविधता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस  की इस घोषणा करने के पीछे उद्देश्य जैव विविधता के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विश्व्यापी समझ विकसित करना था| पहली बार 1993 के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा की समिति द्वितीय के द्वारा जैव विविधता के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया. दिसंबर 2000 में संयुक्त राष्ट्र महासभा आईडीबी के रूप में 22 मई को अपनाया है|जैव विविधता, किसी दिये गये पारिस्थितिकी तंत्र, बायोम, या एक पूरे ग्रह में जीवन के रूपों की विभिन्नता का परिमाण है। जैव विविधता किसी जैविक तंत्र के स्वास्थ्य का द्योतक है। पृथ्वी पर जीवन आज लाखों विशिष्ट जैविक प्रजातियों के रूप में उपस्थित हैं। सन् 2010 को जैव विविधता का अंतरराष्ट्रीय वर्ष, घोषित किया गया है।
क्या है जैव विविधता
किसी भी स्थान पर वहां के वातावरण के अनुसार वनस्पतियों और जीव-जंतुओं की उपलब्धता और उस मे विभिन्नता ही जैव विविधता कहलाती है। जैव विविधता वनस्पतियों और जीवों की उपलब्धता के साथ ही उनके आपसी संबंधों के बारे में भी बताती है। यह पूरा चक्र जैव विविधता के अंतर्गत आता है। जैव विविधता ही जीवन को आधार प्रदान करती है। विशेषज्ञों के अनुसार जहां पर जैव विविधता कम हो जाती है या फिर समाप्त हो जाती है, वहां पर जीवन की संभावनाएं भी समाप्त होती जाती हैं। अब वक्त बहुत कम है सभी देशों को इस बारे में गंभीरता से सोचना होगा। हमारे सामने प्रजातियों के विलुप्त होने का गंभीर खतरा है। यह सिर्फ विलुप्त होने वाली प्रजाति की समस्या नहीं यह पूरी धरती के लिए खतरनाक है।इस बारे एकदम किसी को पता नहीं चलता कि पेड़ों की जीव जंतुओं की प्रजातियाँ खत्म हो रही हैं, लेकिन जब हमें यह समझ में आता है, तो यह भी सामने आता है कि इस विलुप्त होने की इस प्रक्रिया के साथ पूरी प्रणाली खत्म हो सकती है।हरखत्म हो गई एक पीढ़ी भी यह सीखाती ही रह गई कि इन्सान को अगर जीना है तो दूसरे पेड़-पौधों को भी जीने देना होगा।

आज विद्यालय मे दिन सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2011 के उपलक्ष्य मे एक फिल्ड विजिट पर ले जाया गया;जहां कल्ब सदस्यों ने स्थानीय जैव विविधता को समझा और परपोषी,स्वपोषी पौधो के बारे मे जाना अमरबेल के बारे मे सदस्यों को विस्तार से बताया गया कल्ब सदस्यों ने काफी नजदीकी से अमरबेल के जीवन चक्र और निर्वाह के बारे मे समझा |
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और बाद मे विद्यालय मे आकर बच्चो ने विभिन्न जीवों की विविधता के बारे ने सीखा बायो लैब से विभिन्न स्पेसिमेन लाये गए और बच्चों ने झींगा,आक्टोपस,स्टारफिश,स्नेल,सीप,एस्केरिस,फीताकृमि,मेंडक का जीवनचक्र,घरेलू मक्खी का जीवनचक्र,काक्रोच का जीवनचक्र,तितली का जीवनचक्र आदि को समझा.
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इस दिवस को मनाने मे सोनिया,किरण,अरुण,कपिल,विशु,शिवम आदि क्लब सदस्यों का विशेष योगदान रहा.

प्रस्तुति:- इमली इको क्लब रा.व.मा.वि.अलाहर,जिला यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन लाल बवेजा(विज्ञान अध्यापक)

5 टिप्‍पणियां:

शिक्षामित्र ने कहा…

जैव विविधता है,तो हम हैं। जागरूक करना ज़रूरी।

Arvind Mishra ने कहा…

जैव विविधता पर जन चेतना का प्रशंसनीय प्रयास

Darshan Lal Baweja ने कहा…

धन्यवाद अरविन्द मिश्रा जी

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विज्ञान पहेली-१७

virendra sharma ने कहा…

हरियाणा के एक छोटे से क़स्बे की सुगबु -आहट एक दिन रंग लाएगी .हम तो भाई आगये सेवा निवृत्त होकर इस राज्य की जितनी सेवा हिंदी और विज्ञान लोक प्रियकरण में कर सकते थे की गत चालीस बरसों में .अब यह मोर्चा आपको ही संभाले रखना है .बधाई इस पर्यावरण चेतना और पर्यावरण सचेत दृष्टि के लिए .वीरेंद्र शर्मा पूर्व व्याख्याता यूनिवर्सिटी कोलिज रोहतक ,प्राचार्य ,राजकीय परा -स्नातक महाविद्यालय ,बादली (झज्जर ).

Parthvi ने कहा…

वाह.......