बुधवार, 7 मार्च 2012

इमली इको क्लब के सदस्यों ने खेली इको-होली Eco-Holi

इमली इको क्लब के सदस्यों ने खेली इको-होली Eco-Holi 
हमारा हरियाणा हमारी होली........
प्राकृतिक रंग तैयार किये
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर के इमली इको क्लब के सदस्य इस बार होली प्राकृतिक रंगों से इको-होली खेली इसके लिए उन्होंने आज प्राकृतिक पदार्थो से रंग तैयार किये।
अपने बनाए रंगों के साथ बच्चे व अध्यापक 
क्लब इंचार्ज विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल के मार्गदर्शन में टेसू के फूल, हल्दी, मेहंदी, गेरू, नील, गुड़हल के फूल, मैदा, चुकंदर, रक्त चन्दन आदि पदार्थो का प्रयोग करके सात अलग अलग प्राकृतिक रंग तैयार किये।
टेसू या पलाश के फूल 
रासायनिक लवणों वाले सिंथेटिक रंग  
रंग बनाने से पहले क्लब सदस्यों को होली खेलने के महत्व बारे बताया गया प्रेम और सौहार्द के रंग जीवन में भरने के लिए रंगों से होली खेली जाती है परन्तु आजकल होली के रंगों में भी बदलाव आ गया है और होली के इन  रंगों में अब रसायनिक पदार्थ भी होते हैं कुछ रंग तो तेज़ रासायनिक लवणों से तैयार किए जाते हैं। ये रासायनिक रंग हमारे शरीर के लिए हानिकारक होते हैं, विशेषतौर पर आँखों और त्वचा के लिए। 
जम कर खेली इको-होली 
संजय शर्मा ने बच्चों को बताया कि जब सिंथेटिक रंग से आपकी त्वचा या शरीर को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचता है तो होली की मौज-मस्ती का सारा रंग फीका पड़ जाता है इन्हीं सब समस्याओं ने फिर से हमें प्राकृतिक रंगों की ओर रुख करने को मजबूर कर दिया है।
क्लब सदस्यों ने खुद खूबसूरत लाल-हरा, नीला-पीला, केसरिया-गुलाबी रंग तैयार किया अब वो  इन रंगों से इको-होली खेल कर और बधाइयां दे कर पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता का परिचय देंगे।
हल्दी चूने से रक्त लाल रंग 
हल्दी को पानी में घोल कर उस में दो तीन चुटकी चुना डाल कर रक्त जैसा रंग,टेसू के फूल पानी में भिगो कर केसरिया रंग बनाया , मेहंदी से मेहंदी पेस्ट, गेरू से लाल, इंडिगो यानी नील से नीला रंग, चुकन्दर को उबाल कर चटक लाल गुलाबी,  मैदा में हल्दी व मेहंदी डाल कर गुलाल,रक्त चंदन चूर्ण से खुशबूदार गुलाल, गुड़हल के फूल पीस कर रंगीन पेस्ट बनाई।
बच्चों के साथ अध्यापकों ने भी खेली इको-होली 
इन रंगों से आज मोहितरजतराजेशजोनीशनिअजयरविऋषिराहुलकपिलअरुणविशुहिमांशु,  लवलीशिवम और अध्यापक मुकेश रोहिलसंजय शर्मासंदीप,राम नाथ बंसलदर्शन लालसुनीलमनोहर लाल, नित्यानंद, सुभाष चन्द्र,  ने इको-होली खेली। 

उत्साही पर्यावरण प्रेमी क्लब सदस्य 

                        अमर उजाला अखबार में प्रकाशित इको-होली की खबर 
अमर उजाला चंडीगढ़ अम्बाला माई सिटी पेज-4 यमुनानगर  
प्रस्तुति: ईमली इको क्लब रा.व.मा.वि.अलाहर जिला,यमुना नगर हरियाणा  
द्वारा: दर्शन लाल बवेजा(विज्ञान अध्यापक) 

2 टिप्‍पणियां:

ePandit ने कहा…

बहुत अच्छा। प्राकृतिक रंगों से होली खेलना का विचार बेहतरीन है। आपने दिखा दिया कि प्राकृतिक रंग तैयार करना कोई मुश्किल काम नहीं।

वाणी गीत ने कहा…

जागरूक नागरिक की पहचान !