रविवार, 5 जून 2011

विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया World Environment Day (05-06-2011)


विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया World Environment Day (05-06-2011)
विश्व पर्यावरण दिवस पर इको मार्च करते क्लब सदस्य 
आज राजकीय वरिष्ट माध्यमिक विद्यालय अलाहर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया  गया इस उपलक्ष्य में  इको मार्च ,पेंटिंग प्रतियोगिता और गोष्टी का आयोजन किया गया, इमली इको क्लब के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए क्लब प्रभारी दर्शन लाल विज्ञान अध्यापक ने बताया कि दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस प्रति वर्ष 5 जून  को मनाया जाता है पर्यावरण का दूषित होना आज वैश्विक चर्चा और चिंता का विषय बना हुआ है। इसके प्रति चेतना जागृत करने के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस का आयोजन 1972 से हर वर्ष 5 जून को संयुक्त राष्ट्रसंघ के द्वारा आरम्भ किया गया था । विश्व पर्यावरण दिवस मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य  पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना और आम जनता को पर्यावरण के प्रति प्रेरित करना था। मनुष्य को पृथ्वी पर आनंद पूर्वक जीवन व्यतीत करने के लिए प्रदूषण को कम करना ही होगा क्यूंकि प्रदूषण न केवल राष्ट्रीय बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय समस्या है। मनुष्य के आसपास जो वायुमंडल है वो पर्यावरण कहलाता है। पर्यावरण का जीवजगत  के स्वास्थ्य एवं जीवन निर्वाह से गहरा सम्बन्ध है। पर्यावरण को स्वच्छ  बनाए रखने में प्रकृति का विशेष महत्व है। प्रकृति का संतुलन बिगड़ा  नहीं कि पर्यावरण दूषित हुआ नहीं। पर्यावरण के दूषित होते ही जीव- जगत रोग ग्रस्त हो जाता है।
पर्यावरण के प्रहरी 
पेंटिंग प्रतियोगिता 
पेंटिंग प्रतियोगिता 
  
समूह फोटो क्लब सदस्य 

जी हाँ ,हमने भी हटाना है 

पेड़ लगाओ - पर्यावरण बचाओ 
क्लब के सदस्यों के द्वारा इस अवसर पर एक इको मार्च का आयोजन किया गया इस रैली का संचालन विद्यालय के अध्यापको ने किया,क्लब सदस्यों ने पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ और पर्यावरण को बचाना है  के नारे लगा कर इस दिवस बारे जागरूकता संचार किया, इस अवसर पर एक गोष्टी भी की गयी जिस में अध्यापको ने क्लब सदस्यों को विश्व पर्यावरण दिवस के बारे में बताया.जो चंद प्रयास हम अपने स्तर पर कर सकते हैं, उनमें प्रमुख हैं जन्मदिन,विवाह की वर्षगांठ जैसे प्रमुख अवसरों पर एक पेड़ लगायें, मित्रों को उपहार में एक पौधा दें, अनावश्यक नल खुला रख पानी बहता न छोडें, अनावश्यक बिजली की बत्ती जलती न छोडें,गाड़ी धोने या पौधों को पानी देने में इस्तेमाल किया पानी का प्रयोग करें।इस अवसर पर सभी सदस्यों कपिल, हिमांशु,शिवम,ज्योति,निशा,काजल,किरण, का योगदान सराहनीय था
पेंटिंग प्रतियोगिता का परिणाम 
प्रथम : लवली कक्षा ७ 
द्वितीय : शिवानी कक्षा ८ 
तृतीय : अनु कक्षा ८ 
सांत्वना : दिव्या कक्षा ६ , अंजू कक्षा ६ 

प्रस्तुति:- इमली इको क्लब रा.व.मा.वि.अलाहर,जिला यमुना नगर हरियाणा
द्वारा--दर्शन लाल बवेजा(विज्ञान अध्यापक) 9416377166

3 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

बिना खर्च सरकार चाहती है पर्यावरण जागरूकता
Story Update : Sunday, June 05, 2011 12:39 AM

यमुनानगर। पर्यावरण को लेकर स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम के लिए भेजे जा रहे फंड को दो वर्ष से बंद कर दिया गया है। स्कूलों में ईको क्लब के माध्यम से दस वर्ष पहले शुरू किया गया यह कार्यक्रम फंड के अभाव में दम तोड़ता नजर आ रहा है। अध्यापक फंड नहीं होने की वजह से पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रमों की ओर ध्यान नहीं दे पा रहे। सरकार स्कूलों में पर्यावरण जागरूकता दिवस तो मनाना चाहती है, लेकिन इसके लिए कुछ खर्च नहीं करना चाहती।
पर्यावरण को लेकर जहां विश्व भर में चिंता का माहौल है, वहीं सरकारें भी गाहे-बगाहे अपनी चिंता को दिखाने से नहीं चूकती। जागरूकता को लेकर हर जगह कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, लेकिन स्कूलों में जागरूकता अभियान के लिए बनाए गए इको क्लबों के प्रति सरकार की संजीदगी दिखाई नहीं देती। वर्ष २००१ में सीनियर सेकेंडरी स्कूलों से शुरू किए गए इस अभियान को बाद में मैट्रिक और मिडिल स्कूलों तक पहुंचाया गया। इसके माध्यम से स्कूलों में पर्यावरण के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी जाती है। इसके अलावा स्कूलों में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां कराई जाती हैं। पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण दिवसों को मनाया जाता है। इसमें विश्व पर्यावरण दिवस, ओजोन दिवस, अर्थ डे, एंटी क्रैकर्स रैली, विश्व वानिकी दिवस, विश्व जैव विविधता दिवस, विश्व जल दिवस, वन्य सुरक्षा सप्ताह समेत कई प्रकार के कार्यक्रम किए जाते है।

virendra sharma ने कहा…

शुरू से बच्चों को पर्यावरण सचेत ,पर्यावरण मित्र बनाना सिर्फ और सिर्फ अध्यापक के हाथों संपन्न होने वाला काम है जिसे दर्शन लालजी बावेज़ा पूरा कर रहें हैं .ये संस्कार अगर पड़ जाएँ तो एक पर्यावरण नज़रिया ,चिंतन और दृष्टि ही विकसित होती जाती है .बधाई इस दिवस को संपन न करने की .

बेनामी ने कहा…

सिगरेट बनाने वाली एक कंपनी है आईटीसी। भारत में इसका नाम है "इंडियन टोबैको कंपनी" अमेरिका में इसका नाम है "अमेरिकन टोबैको कंपनी" ये सिगरेट बनाने वाली कंपनी है और लाखों करोड़ रुपया देश से ले जाती है। यही नही जब कैंसर से हमारे देश के लोग पीड़ित हो जाते हैं, कैंसर पर होने वाला खर्चा अलग होता है। सिगरेट का कागज सबसे ज्यादा कीमती कागज होता है। जब यह कंपनी पांच सौ सिगरेट बनाती है तो एक पेड़ कट जाता है। और इस कंपनी की इस देश में बीस अरब से ज्यादा सिगरेट बिकती हैं। लगभग चौदह करोड़ पेड़ यह कंपनी हर साल इस देश में कटवा देती है। सबसे दु:ख और दर्द की बात ये है कि यदि यह कंपनी इतने पेड़ कटवा देती है तो वह कोई अपराध नही है जबकि एक गांव का आदमी खाना बनाने के लिए जंगल से पेड़ काटकर कुछ लकड़ियां ले आता है तो उसे जेल हो जाती है। सबसे बड़ी हास्यास्पद स्थिति तो ये है कि आप अपना लगाया पेड़ भी नही काट सकते हैं क्योंकि यह कानूनन जुर्म है। इसका मतलब है कि भारत की सरकार भारत के आम लोगों के लिए नही बल्कि आईटीसी जैसी कंपनियों के लिए चल रही है।