आपदा प्रबंधन के गुर सीखे विद्यार्थियों ने Disaster Management Training in School
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर में विद्यार्थियों को आपदाओं के बारे में बताया गया और उन्हें आपदा प्रबंधन बारे टिप्स दिए गए, शिक्षा विभाग द्वारा चलाये गए सी आर पी कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जीवनोपयोगी गतिविधियों के अंतर्गत प्राकृतिक मानव-जनित आपदाओं का ज्ञान दिया गया जिस में बच्चों ने बहुत रूचि दिखाई। इस जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार धींगड़ा ने किया। सीआरपी के तहत यह आपदा प्रबंधन कार्यक्रम कईं दिन तक चलेगा बालको को हर रोज विभिन्न आपदाओं के बारे में बताया जाएगा और इससे बचाव के तरीके भी बताये जायेंगे ताकि ऐसी कोई स्थिति आये तो बच्चे अपनी जान बचा सकें और साथ ही दूसरो की भी मदद कर सकें।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अलाहर में विद्यार्थियों को आपदाओं के बारे में बताया गया और उन्हें आपदा प्रबंधन बारे टिप्स दिए गए, शिक्षा विभाग द्वारा चलाये गए सी आर पी कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जीवनोपयोगी गतिविधियों के अंतर्गत प्राकृतिक मानव-जनित आपदाओं का ज्ञान दिया गया जिस में बच्चों ने बहुत रूचि दिखाई। इस जागरूकता सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के प्रधानाचार्य नरेंद्र कुमार धींगड़ा ने किया। सीआरपी के तहत यह आपदा प्रबंधन कार्यक्रम कईं दिन तक चलेगा बालको को हर रोज विभिन्न आपदाओं के बारे में बताया जाएगा और इससे बचाव के तरीके भी बताये जायेंगे ताकि ऐसी कोई स्थिति आये तो बच्चे अपनी जान बचा सकें और साथ ही दूसरो की भी मदद कर सकें।
आपदा के विभिन्न प्रकार
विद्यालय के विज्ञान अध्यापक दर्शन लाल ने विद्यार्थियों को विभिन्न आपदाओं के बारे में बताया और कहा की केदारनाथ के बाद नेपाल की आपदा ने एक बार फिर बता दिया है कि प्रकृति की मार सबसे भयंकर होती है ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम आपदा आने पर हम किस प्रकार बच सके और दूसरों की भी जान बचा सके। आपदा प्रबंधन के द्वारा ही हम यह सब जान सकते है। बवेजा ने बताया की आपदा एक असामान्य घटना है जो थोड़े ही समय के लिए आती है और अपने विनाश के चिन्ह लंबे समय के लिए छोड़ जाती है। प्राकृतिक आपदा को परिभाषित करते हुए कहा जा सकता है कि एक ऐसी प्राकृतिक घटना जिस में एक हज़ार से लेकर दस लाख लोग तक प्रभावित हों और उनका जीवन खतरे में हो तो वो प्राकृतिक आपदा कहलाती है प्राकृतिक आपदाएं मनुष्य व अन्य जीवों को बहुत प्रभावित करती है।
प्राकृतिक आपदा के हैं कई रूप
हरिकेन, सुनामी, सूखा, बाड़, टायफून, बवंडर, चक्रवात सब मौसम से सम्बन्धित प्राकृतिक आपदाएं हैं। भूस्खलन और हिमघाव ऐसी प्राकृतिक आपदा हैं जिस में स्थलाकृति बदल जाती है। भूकम्प टेक्टोनिक प्लेट विवर्तनिकी के कारण और ज़्वालामुखी के कारण अग्निकांड, दावानल आदि आते हैं। टिड्डीदल का हमला, कीटो के प्रकोप को भी प्राकृतिक आपदा माना गया है। मानवकृत आपदा के बारे में भी बताया गया की मानवीय दखल से नित नए नए प्रकार की आपदाओं से मनुष्य को दो चार होना पड़ रहा है जिनमे से पर्यावरणीय आपदा वैश्विक ऊष्मन और वैश्विक शीतलन जैसी नयी मुसीबते मुहँ खोले खड़ी हैं।
आपदा प्रबंधन कैसे करें?
बवेजा ने बताया की हमारे स्कूली पाठ्यक्रम में ऐसा कोई ख़ास इंतजाम नहीं है की बालक पाठ्यक्रम से आपदा प्रबंधन सीख सकें फिर भी अध्यापक बच्चों को आपदा के समय, पहले व बाद के इंतजामात बारे बताते हैं जिसमे बाड़, भूकंप और अतिवृष्टि से होने वाले नुकसानों से बचने के उपाय बताये गए। बालको को इस बारे प्रशिक्षित भी किया गया यह गतिविधि पूरे सप्ताह चलेगी जिस में बच्चों को प्राथमिक चिकित्सा का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। बच्चों को आपदा प्रबंधन से सम्बंधित वीडियो एनिमेशन फिल्मे भी दिखाई जायेंगी जिन के द्वारा बच्चे व अध्यापक सीखेंगे। कार्यक्रम में संजय गौतम, सुनील काम्बोज, रविंदर सैनी, लवलीन कौर, जसविन्द्र कौर, प्रदीप धीमान, धर्मेन्द्र सिंह, संदीप कुमार, मनीष कुमार शर्मा, पवन सचदेवा, भगवती शर्मा, रीना काम्बोज सहित विद्यालय के बच्चों इतेश, गौरव, सुमित, वंशिका, रजनीश, महक, नैन्सी, दिव्या, ज्योति, अरुण, संतोष, सूर्या, गगन, हिमांशु, अनिकेत, अंशुल, आकाश, साहिल, प्रीती, साक्षी ने भाग लिया।
1 टिप्पणी:
फ्रीज़ किए गए नीबू के आश्चर्यजनक परिणाम।
नीबू को स्वच्छ धोकर फ्रीजर में रखिए
8 सॆ 10 घंटे बाद वह बरफ जैसा ठंडा तथा कडा हो जाएगा।
उपयोग मे लाने के लिए उसे कद्दूकस कर लें।
आप जो भी खाएँ उसपर डाल के इसे खा सकते हैं।
इससे खाद्यपदार्थ में एक अलग ही टेस्ट आएगा।
नीबू के रस में विटामिन सी होता है।
ये आप जानते हैं।
आइये देखें इसके और क्या क्या फायदे हैं।
नीबू के छिलके में 5 से 10 गुना अधिक विटामिन सी होता है और वही हम फेंक देते हैं।
नीबू के छिलके में शरीर कॆ सभी विषद्रव्य को बाहर निकालने कि क्षमता होती है।
निंबु का छिलका कैंसर का नाश करता है।
यह छिलका कैमोथेरेपी से 10000 गुना ज्यादा प्रभावी है।
यह बैक्टेरियल इन्फेक्शन, फंगस आदि पर भी प्रभावी है।
निंबु का रस विशेषत: छिलका रक्तदाब तथा मानसिक दबाव नियंत्रीत करता है।
नीबू का छिलका 12 से ज्यादा प्रकार के कैंसर में पूर्ण प्रभावी है और वो भी बिना किसी साइड इफेक्ट के।
इसलिए आप से प्रार्थना है कि आप अच्छे पके हुए तथा स्वच्छ नीबू फ्रीज में रखे और कद्दूकस कर प्रतिदिन अपने आहार के साथ प्रयोग करें।
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