रविवार, 2 जनवरी 2011

विश्व जल दिवस World Water Day

               विश्व जल दिवस
               World Water Day
                     Lecture on world water day
                        DATED:-22-03-2010
                            
            LECTURE DELIVERED BY Mr.Darshan Lal Science Master
    What is the importance of water in every day life ?
         इंसानी जीवन की बुनियादी जरूरतों में पानी
इंसानी जीवन की बुनियादी जरूरतों में पानी को शुमार करना गलत नहीं होगा। लोगों को अगर भोजन नहीं मिले तो वे कुछ दिन तक जिंदा रह सकते हैं लेकिन पानी के बगैर कुछ घंटे काटना भी बेहद मुश्किल होता है। भारत में आजादी के बाद से कई क्षेत्रों में जल संकट गहराता जा रहा है। देश के एक बड़े तबके को पीने का साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, कई क्षेत्र वैसे भी हैं, जहां पीने के पानी की कोई दिक्कत नहीं है। इसके बावजूद बड़े-बड़े महानगरों से लेकर छोटे-छोटे कस्बों तक में पीने के पानी का संकट गहराता ही जा रहा है।
इस बात में तो किसी को कोई संदेह नहीं है कि जल प्रदूषण काफी तेजी से फैल रहा है। सरकारी आंकड़े भी बताते हैं कि शहरी घरों से जितना कचरा निकल रहा है उसके 80 फीसद से ज्यादा की निस्तारण की क्षमता भारत के पास नहीं है। इसके अतिरिक्त औद्योगिक कचरे और भी चिंता बढ़ा रहे हैं। इसमें से ज्यादातर कचरा किसी किसी तरह से पानी में ही मिल रहा है और जल प्रदूषण काफी तेजी से फैल रहा है। कचरे का निस्तारण नहीं होने की वजह से जमीन के अंदर का पानी भी दूषित हो रहा है।
 आज विश्व जल दिवस है। जो संकट आने वाला है क्या वह थम जाएगा? यह सोचने का विषय है। सिर्फ सरकार ही नहीं आम आदमी को भी जागना होगा। सरकार की कोई भी योजना और नीति तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक कि आम आदमी उसमें शामिल हो। ऐसी ही योजना कुछ पानी को लेकर भी बनानी होगी। अन्यथा पहले की तरह नीतियां तो बनेंगी लेकिन सिर्फ कागजी। अब जरूरत है नीयत बनाने की। क्योंकि जब नियत बनेगी तभी नीतियां कारगर होंगी और इसके लिए आज जल दिवस से बढिय़ा अवसर नहीं होगा। सो चलिए नीयत बनाएं, जल बचाएं, कल बचाएं।
जल के संरक्षण हेतु कुछ नियमः
(1) बाग़ीचों की सींचाई सुबह अथवा संध्या में पतले पाईप से की जाए तो बहुत हद तक पानी की बचत की जा सकती है।
(2) गाड़ियों को पाईप से धोने की बजाए बाल्टी अथवा डोल से धोया जाए।
(3) ब्रष करते समय, चेहरा बनाते समय, बर्तन धुलते समय नल को खुला रखने से बचें। उसी प्रकार काम होने के बाद नल को अच्छी तरह बंद कर दें। यदि प्रयोग किए गए जल को किसी अन्य काम में लाना सम्भव हो तो ला लें।
(4) गिरने वाले थोड़े बुंद से जल का अधिक मात्रा नष्ट हो जाता है। यदि पूरे दिन पानी के बूंद गिरते रहें तो एक दिन में अनुमानतः 27 लीटर पानी नष्ट होता है।
                           प्रस्तुति:- ईमली इको क्लब रा.व.मा.वि.अलाहर जिला,यमुना नगर हरियाणा            
                           द्वारा--दर्शन लाल बवेजा(विज्ञान अध्यापक)

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